मैं जी रहा हूँ ऐसे कि जैसे कोई कलन हो,
चैन कि नींद सोता हूँ जैसे कोई गम न हो,
हर नई किरण अब हो जैसे जन्मदिन मेरा,
जीना है अब ऐसे कि कोई ख़्वाब कम न हो।
जनक
चैन कि नींद सोता हूँ जैसे कोई गम न हो,
हर नई किरण अब हो जैसे जन्मदिन मेरा,
जीना है अब ऐसे कि कोई ख़्वाब कम न हो।
जनक
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