Blogger Widgets

Wednesday, March 20, 2013

मैं जी रहा हूँ ऐसे कि जैसे कोई कलन हो

मैं जी रहा हूँ ऐसे कि जैसे कोई कलन हो,
चैन कि नींद सोता हूँ जैसे कोई गम न हो,
हर नई किरण अब हो जैसे जन्मदिन मेरा, 
जीना है अब ऐसे कि कोई ख़्वाब कम न हो।
 जनक

No comments:

Post a Comment

thank you